मोहनलाल ने अपनी पत्नी के लिए पान ख़रीदा और उसे खाने को दे दिया . पत्नी - आप नहीं खाओगे क्या ? . . मोहनलाल - नहीं मै तो ऐसे ही खामोश रेहलूँगा
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