दिल तो हमारा हरपल मचलता है, ठोकर खाकर भी संभलता है, तुमने कब्ज़ा कर लिया इस कदर, इस दिल पर, अब तो सिर्फ आपके लिए धड़कता है.
कोई टिप्पणी नहीं